ध्यान से मन की चंचलता कम होती है और अंदर का डर धीरे-धीरे शून्य होने लगता है। अपने डर को शब्द दो, उसे समझो और स्वीकार करो। खुद से ये सवाल करें: जब भय उत्पन्न होता है, तो थोड़ा विराम लें और वास्तविक जोखिम पर विचार करें। अपने नकारात्मक विचारों https://free-kundli57654.blogdeazar.com/38789238/5-simple-statements-about-fear-aur-dar-ko-kaise-jeetein-tantrik-upay-divya-sadhana-explained