मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥ भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »इस चालीसा को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें माँ री माँ वो डमरू वाला, तन पे पहने मृग की छाला। अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥ अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण https://habiba57800.national-wiki.com/1013490/considerations_to_know_about_shiv_chalisa_lyricsl