टूट कर पागलो की तरह मोहब्बत भी तो सिर्फ मैंने की थी !! भटके मुसाफिर को चांदनी रात बनकर मिला करो तेरे रुखसार पर ढले है मेरी शाम के क़िस्से कभी टूटा नहीं दिल से तेरी याद का रिश्ता, झूट बोला है तो क़ाएम भी रहो उस पर 'ज़फ़र' आदमी https://hindishayri.godaddysites.com/f/shayari-in-hindi---%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%80-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%B0%E0%A5%80